Shodashi Secrets
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There are actually countless benefits of chanting the Shodashi Mantra, out of which An important kinds are mentioned underneath:
It had been below far too, that the great Shankaracharya himself put in the impression of the stone Sri Yantra, Probably the most sacred geometrical symbols of Shakti. It may nevertheless be seen now in the inner chamber with the temple.
देयान्मे शुभवस्त्रा करचलवलया वल्लकीं वादयन्ती ॥१॥
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari ashtottarshatnam
Her form is alleged to be one of the most gorgeous in all the three worlds, a beauty that is not just Bodily and also embodies the spiritual radiance of supreme consciousness. She is often depicted for a resplendent sixteen-year-aged girl, symbolizing Everlasting youth and vigor.
It's an expertise with the universe within the unity of consciousness. Even inside our ordinary state of consciousness, Tripurasundari is definitely the magnificence that we see on earth all over us. What ever we understand externally as beautiful resonates deep in.
कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए check here उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —
ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं जगदद्यापि दृश्यते ॥६॥
हन्यादामूलमस्मत्कलुषभरमुमा भुक्तिमुक्तिप्रदात्री ॥१३॥
षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram
प्रणमामि महादेवीं मातृकां परमेश्वरीम् ।
संकष्टहर या संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत विधि – sankashti ganesh chaturthi
तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में भी इस साधना को सम्पन्न नहीं कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न कर सकते है।
, the creeper goddess, inferring that she's intertwined along with her legs wrapped close to and embracing Shiva’s legs and system, as he lies in repose. Like a digbanda, or protecting power, she policies the northeastern course from whence she gives grace and defense.